रक्षाबंधन कब है किस दिन राखी बांधना और बंधवाना शुभ होगा। यह सवाल इस बार सभी लोगों के मन में आ रहा है। दरअसल इस बर्ष रक्षाबंधन की तिथि को लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है क्योंकि रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिम के दिन मनाने की परंपरा है और इस बार श्रावन यानी सावन पूर्णिमा दो दिन है। इनमें पहले दिन भद्रा भी लगा है जिसमें राखी का त्योहार मनाना अशुभ माना जाता। ऐसे में ज्य़तिषीय मत और धर्मिक विषयों के जनकारों की राय क्या कहती है, किस दिन रक्षा बंधन मनाना शुभ रहेगा आइए जानें।
हिंदू धर्म में रक्षा बंधन के त्योहार को भाई-बहन के अटूट प्रेम और रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। अबकी बार रक्षा बंधन के दिन रवि नामक योग भी पड़ रहा है, जिससे इस दिन का महत्व भी बढ़ गया है। रवि योग को ज्योतिषशास्त्र में अशुभ योगों के प्रभावों को नष्ट करने वाला बताया गया हैा। इस योग में राखी बांधने से रिश्ता को बुरी नजर नहीं लगेगी और रिश्ता और भी गहरा और मजबूत बनेगा।
सावन मास की पूर्णिमा को श्रावन पूर्णिमा और कजरी पूनम भी कहा जाता है। बताया जाता है कि राखी को पहले रक्षा सूत्र कहा जाता था लेकिन मध्यकाल में इसे राखी कहा जाने लगा। रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा वैदिक काल से ही रही है। राखी के त्योहार में भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है क्योंकि भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। दरअसल धार्मिक दृष्टि से भद्र को अशुभ माना गया है जो किसी भी शुभ काम में विघ्न पैदा करती है। आइए जानते हैं राखी बांधने का मुहूर्त और समय।
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रक्षा बंधन शुभ मुहूर्त
सावन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर शुरू हो रही है, जो 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। लेकिन सावन पूर्णिमा शुरू होते है भद्रा भी लग जा रही है जो 11 अगस्त को रात 8 बजकर 35 मिनट तक रहेगी। शास्त्रों का मत है कि भद्रा काल में राखी का त्योहार नहीं मनाना चाहिए बहुत जरूरी होने पर भद्र पुच्छ के समय राखी का त्योहार मना सकते हैं। ऐसे में अगले दिन यानी 12 जुलाई को भद्रा भी नहीं रहेगा और उदया तिथि के अनुसार पूरे दिन पूर्णिमा तिथि का मान रहेगा इसलिए 12 जुलाई को राखी का त्योहार माना सभी के लिए शुभ रहेगा।
रक्षा बंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
12 जुलाई को दोपहर 2 बजे तक आयुष्मान योग रहेगा जिसमें बहनों भाई को दीर्घायु का आशीर्वाद देंगी तो यह अधिक फलदायी होगा। 2 बजे के बाद इस दिन सौभाग्य योग लग जाएगा। इस दिन सुबह से रवियोग भी उपस्थित रहेगा। इसलिए 12 जुलाई को रक्षाबंधन का पर्व मनाना सभी तरह से मंगलकारी रहेगा।
राखी बांधने की शास्त्रीय विधि
- राखी बंधवाने के लिए भाई को हमेशा पूर्व दिशा और बहन को पश्चिम दिशा की ओर मुख करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी राखी को देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।
- राखी बंधवाते समय भाइयों को सिर पर रुमाल या कोई स्वच्छ वस्त्र होना चाहिए।
- बहन भाई की दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधे और फिर चंदन व रोली का तिलक लगाएं।
- तिलक लगाने के बाद अक्षत लगाएं और आशीर्वाद के रूप में भाई के ऊपर कुछ अक्षत छींटें भी दें।
- इसके बाद दीपक से आरती उतारकर बहन और भाई एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराएं।
- भाई वस्त्र, आभूषण, धन या और कुछ उपहार देकर बहन के सुखी जीवन की कामना करें।
रक्षा बंधन राखी बांधने का मंत्र :-
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।
रक्षा बंधन सिंदूर, रोली चंदन लगाने का मंत्र :-
“सिन्दूरं सौभाग्य वर्धनम, पवित्रम् पाप नाशनम्। आपदं हरते नित्यं, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा॥