सार
Chandra Grahan 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण का बहुत महत्व है। चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चन्द्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों। आइए जानते हैं साल 2022 में कब और कितने चंद्र ग्रहण लगेंगे।
chandra grahan 2022
विस्तार
Chandra Grahan 2022: साल 2021 में कुल मिलाकर दो चंद्र ग्रहण थे। चंद्रग्रहण जब भी होता है तब इस विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की तिथि पर पड़ता है। कुछ दिन बाद साल 2021 को हम अलविदा कहेंगे और नववर्ष यानि साल 2022 का स्वागत करेंगे। ऐसे में आपको बता दें कि आने वाले साल 2022 में भी ग्रहण पड़ेंगे। कुल मिलकर 4 ग्रहण पड़ेंगे जिनमें से 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे। हिन्दू पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण का बहुत महत्व है। खगोलीय दृष्टि से देखा जाए तो चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चन्द्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि ग्रहण के दौरान पूजा आदि निषेध माने जाते हैं। आइए जानते हैं साल 2022 में कब और कितने चंद्र ग्रहण लगेंगे।
साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण कब
चंद्र ग्रहण की तिथि: 16 मई सोमवार 2022
समय: प्रातः 07:02 से दोपहर 12:20 बजे तक
कैसा होगा यह ग्रहण: पूर्ण चंद्र ग्रहण
कहां दिखेगा: दक्षिणी/पश्चिमी यूरोप, दक्षिणी/पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, पैसिफिक, अटलांटिक, अंटार्कटिका, हिन्द महासागर और भारत के कुछ हिस्सों में।
सूतक काल: चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है जो चंद्र ग्रहण की समाप्ति पर खत्म होगा। इस ग्रहण के दौरान सूतक काल अधिक प्रभावी होगा, ऐसे में अधिक सावधानी रखनी होगी।
साल 2022 का दूसरा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण की तिथि: 8 नवंबर, मंगलवार 2022
समय: दोपहर 01:32 से सायं 07:27 बजे तक
कैसा होगा यह ग्रहण: पूर्ण चंद्र ग्रहण
कहां दिखेगा: उत्तरी/पूर्वी यूरोप, एशिया, भारत, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्से में।
सूतक: चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है जो चंद्र ग्रहण की समाप्ति पर खत्म होगा। इस ग्रहण के दौरान सूतक काल अधिक प्रभावी होगा, ऐसे में अधिक सावधानी रखनी होगी।